आज दिखेगा खून जैसा लाल चांद, क्या है बक मून, एक हिरन से कैसे मिला यह नाम?

गुरु पूर्णिमा के मौके पर आज (10 जुलाई) को आसमान में बक मून नजर आएगा. बक मून रोज दिखने वाले चांद से थोड़ा अलग होता है. इस चांद से कई तरह की मान्यताएं जुड़ी हैं और इसका नाम रखने की कहानी भी दिलचस्प है. बक मून वो चांद है जो हर साल जुलाई महीने की पूर्णिमा को दिखाई देता है. इसे यह नाम अमेरिका की जनजाति ने दिया था. वो जनजाति जो प्रकृति और जानवरों से जुड़ी घटनाओं के आधार पर पूर्णिमा के चांद को नाम देती थी.

जिस तरह जनवरी की पूर्णिमा के चांद को वूल्फ मून और फरवरी की पूर्णिमा के चांद को स्नो मून कहते हैं. उसी तरह नाम रखने की परंपरा को कायम रखते हुए जुलाई की पूर्णिमा के चांद को बक मून कहा गया. इसी बहाने यह भी जान लेते हैं कि यह चांद कितना अलग है और इसे कैसे मिला यह नाम.

बक मून कितना अलग?

हर साल जुलाई की पूर्णिमा के चांद को बक मून कहते हैं. यह सामान्य दिनों के चांद से ज्यादा चमकीला होता है. ऐसा तब होता है जब सूर्य आकाश में अपने सबसे ऊंचे स्थान पर होता है और चांद आकाश में अपने सबसे निचले पथ पर आ जाता है.

कहा जाता है, बक मून निकलने के बाद इसका रंग लाल-सुनहरा हो जाएगा. इसे रेले स्कैटरिंग प्रभाव कहा गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि चांद की सतह से परावर्तित होने वाली सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक अधिक दूरी तय करती है. अगर रात में आसमान साफ़ हो तो दूरबीन का इस्तेमाल करके इसे देख जा सकता है.

Buck Moon Interesting Facts

बक मून निकलने के बाद इसका रंग लाल-सुनहरा हो जाता है. फोटो: Getty Images

जुलाई का बक मून गुरु पूर्णिमा के दिन ही पड़ता है, जो शिक्षकों और ज्ञान का उत्सव है. ऐसा इसलिए है क्योंकि गुरु पूर्णिमा हिंदू महीने आषाढ़ की पूर्णिमा होती है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार जुलाई की पहली पूर्णिमा के साथ मेल खाती है.

चांद को कैसे मिला यह नाम?

बक मून नाम का इतिहास अल्गोंक्विन लोगों से जुड़ा है, जो मूल रूप से अमेरिकी जनजाति के लोग थे. यह जनजाति प्राकृतिक घटनाओं का पता लगाने और उन्हें याद रखने के लिए चांद में दिखने वाले बदलाव को आधार बनाती थी. जैसे- जुलाई की पूर्णिमा के चांद को बक मून नाम दिया गया.

बक का मतलब नर हिरन होता है. जुलाई में नर हिरन के सींग बढ़ने लगते हैं. पुराने सींग गिरने के बाद नए और मखमली परत से ढके सींग निकलते हैं. यही वजह है कि जुलाई की पूर्णिमा के चांद को बक मून कहा गया. नर हिरण में पहली पूर्णिमा के आसपास अपने सींगें फिर से निकलती शुरू हो जाती थीं.

Buck Name History

अमेरिका की कुछ जनजातियां बक मून को सैल्मन मून भी कहती हैं. फोटो: Getty Images

इस चांद को दूसरी अमेरिकी जनजातियां “थंडर मून” भी कहती हैं, क्योंकि यह अमेरिका के कुछ हिस्सों में इस समय देखे जाने वाले मौसमी तूफानों का संकेत था. कुछ अमेरिकी जनजातियों ने इसे सैल्मन मून भी कहा. ऐसा इसलिए क्योंकि यह उस समय दिखाई देता है जब सैल्मन मछलियां धारा के विपरीत तैरना शुरू करती हैं.

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