चांद पर भूकंप क्यों आता है, कितनी मचती है तबाही? NASA ने बताया

धरती से अलग होता है मूनक्‍वेक्‍स… दिल्‍ली-NCR समेत देश के कई हिस्‍से में भूकंप की खबरें आती रहती हैं, पर कभी आपने सोचा है कि क्‍या चांद पर भी भूकंप आता है. जवाब है हां. चांद पर भी भूकंप आता है. इसे मूनक्‍वेक्‍स कहते हैं. चांद पर आने वाला भूकंप धरती के मुकाबले अलग होता है. इसके आने की वजह भी थोड़ी अलग होती है अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी NASA ने चांद पर आने वाले भूकंप को पहली बार 1969 से 1977 के बीच अपोलो मिशन के दौरान रिकॉर्ड किया था.(फोटो:Meta)

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क्‍यों आता है चांद पर भूकंप…चांद पर भूकंप आने की 4 वजह बताई गई हैं. पहली है पृथ्‍वी की गुरुत्‍वीय खींचतान. इसे डीप मूनक्‍वेक्‍स (Deep Moonquakes) कहते हैं. दूसरी है, चांद की सतह में होने वाला खिंचाव या दरारें. इस तरह के भूकंप को शैलो मूनक्‍वेक्‍स (Shallow Moonquakes) कहते हैं.

क्‍यों आता है चांद पर भूकंप…चांद पर भूकंप आने की 4 वजह बताई गई हैं. पहली है पृथ्‍वी की गुरुत्‍वीय खींचतान. इसे डीप मूनक्‍वेक्‍स (Deep Moonquakes) कहते हैं. दूसरी है, चांद की सतह में होने वाला खिंचाव या दरारें. इस तरह के भूकंप को शैलो मूनक्‍वेक्‍स (Shallow Moonquakes) कहते हैं.

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ये भी हैं वजह… चांद पर दि‍न और रात के तापमान में भारी बदलाव भी भूकंप की वजह बनता है, इस तरह के भूकंप को थर्मल मूनक्‍वेक्‍स (Shallow Moonquakes) कहते हैं. वहीं, उल्‍का पिंडों की टक्‍कर से आने वाले भूकंप को उल्कापिंड प्रभाव (Meteorite Impacts) कहते हैं. (फोटो:Pixabay)

ये भी हैं वजह… चांद पर दि‍न और रात के तापमान में भारी बदलाव भी भूकंप की वजह बनता है, इस तरह के भूकंप को थर्मल मूनक्‍वेक्‍स (Shallow Moonquakes) कहते हैं. वहीं, उल्‍का पिंडों की टक्‍कर से आने वाले भूकंप को उल्कापिंड प्रभाव (Meteorite Impacts) कहते हैं. (फोटो:Pixabay)

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भूकंप चांद पर कितनी तबाही मचाता है…चांद पर आने वाले भूकंप कितनी देर तक रहेगा, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. कई बार ये कुछ सेकंड या मिनट्स में खत्‍म हो जाता है. कई बार यह 10 मिनट तक रह है. खास बात है कि यहां कम्‍पन्‍न कम होता है, लेकिन असर ज्‍यादा होता है. इसकी तीव्रता भले ही कम हो, लेकिन इसकी एनर्जी लम्‍बे समय तक रहती है. भूकंप आने पर चांद की सतह पर दरारें आ जाती हैं. सतह के हिस्‍से अपनी जगह से खिसकते हैं. (फोटो: Meta)

भूकंप चांद पर कितनी तबाही मचाता है…चांद पर आने वाले भूकंप कितनी देर तक रहेगा, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. कई बार ये कुछ सेकंड या मिनट्स में खत्‍म हो जाता है. कई बार यह 10 मिनट तक रह है. खास बात है कि यहां कम्‍पन्‍न कम होता है, लेकिन असर ज्‍यादा होता है. इसकी तीव्रता भले ही कम हो, लेकिन इसकी एनर्जी लम्‍बे समय तक रहती है. भूकंप आने पर चांद की सतह पर दरारें आ जाती हैं. सतह के हिस्‍से अपनी जगह से खिसकते हैं. (फोटो: Meta)

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यह भी रहता है खतरा… विशेषज्ञ कहते हैं, चांद पर भूकंप आने से भविष्‍य में अंतरिक्ष स्‍टेशन को भी खतरा हो सकता है. नासा पहले ही चिंता जता चुका है कि अगर चांद पर बस्तियां बसाई जाती हैं और भूकंप आता है तो इमारतों और इंसान को नुकसान पहुंचने का खतरा रहेगा. यानी एक बात साफ है कि चांद पर रहते हैं तो भी भूकंप के खतरों से खुद को नहीं बचा सकते.(फोटो:Pixabay)

यह भी रहता है खतरा… विशेषज्ञ कहते हैं, चांद पर भूकंप आने से भविष्‍य में अंतरिक्ष स्‍टेशन को भी खतरा हो सकता है. नासा पहले ही चिंता जता चुका है कि अगर चांद पर बस्तियां बसाई जाती हैं और भूकंप आता है तो इमारतों और इंसान को नुकसान पहुंचने का खतरा रहेगा. यानी एक बात साफ है कि चांद पर रहते हैं तो भी भूकंप के खतरों से खुद को नहीं बचा सकते.(फोटो:Pixabay)

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कैसे जांचा भूकंप आता है… चांद पर भूकंप को जांचा गया है. नासा ने अपने अपोलो मिशन के दौरान पहली बार यह बताया था कि चांद पर भी भूकंप आता है. अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी NASA ने सीस्मोमीटर (भूकंप मापक यंत्र) के जरिए मूनक्‍वेक की पुष्टि की थी. (फोटो:Pixabay)

कैसे जांचा भूकंप आता है… चांद पर भूकंप को जांचा गया है. नासा ने अपने अपोलो मिशन के दौरान पहली बार यह बताया था कि चांद पर भी भूकंप आता है. अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी NASA ने सीस्मोमीटर (भूकंप मापक यंत्र) के जरिए मूनक्‍वेक की पुष्टि की थी.

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